राव लाखोजी के चार रानियों से 22 पुत्र व 2 पुत्रियाँ उत्पन्न हुई. इन भाइयों में सबसे बड़ा भाई राव मेहन्दजी का विवाह गाँव कपूरीसर के ग्राम प्रधान चूहड़ जी गोदारा की पुत्री सुल्तानी के साथ हुआ. कपूरीसर वर्तमान में बिकानेर जिले की लूणकरणसर
तह्सील में स्थित है. बिग्गाजी का जन्म माता सुल्तानी की कोख से रोहिणी
नक्षत्र धन लगन में प्रात: के समय हुआ. राव मेहंदजी ने उनके जन्म के समय
दान-पुन्य किया और आस-पास के गांवों में न्योता देकर बुलाया. बिग्गाजी के
एक बहन थी जिसका नाम हरिया बाई था. [6]
युवा होने पर बिग्गाजी की शादी अमरसर के चौधरी खुशल सिंह सिनसिनवार की पुत्री राजकंवर के साथ हुई. बिग्गाजी की दूसरी शादी मालासर (मोलाणिया) के खिदाजी मील की पुत्री मीरा के साथ हुई. ये दोनों तरुनीय बड़ी सुंदर , सुडौल एवं अत्यन्त शील थी. [7]
वंशावली के अनुसार बिग्गाजी के राजकँवर से कोई संतान उत्पन्न होने का उल्लेख नहीं है. बिग्गाजी के घर मीरा से चार पुत्र रत्न तथा एक पुत्री का जन्म हुआ. इनके पुत्रों के नाम 1. कुंवर आलजी, 2. कुंवर जालजी, 3. कुंवर बहालजी व 4. कुंवर हंसराव जी थे. पुत्री का नाम हरियल था.
युवा होने पर बिग्गाजी की शादी अमरसर के चौधरी खुशल सिंह सिनसिनवार की पुत्री राजकंवर के साथ हुई. बिग्गाजी की दूसरी शादी मालासर (मोलाणिया) के खिदाजी मील की पुत्री मीरा के साथ हुई. ये दोनों तरुनीय बड़ी सुंदर , सुडौल एवं अत्यन्त शील थी. [7]
वंशावली के अनुसार बिग्गाजी के राजकँवर से कोई संतान उत्पन्न होने का उल्लेख नहीं है. बिग्गाजी के घर मीरा से चार पुत्र रत्न तथा एक पुत्री का जन्म हुआ. इनके पुत्रों के नाम 1. कुंवर आलजी, 2. कुंवर जालजी, 3. कुंवर बहालजी व 4. कुंवर हंसराव जी थे. पुत्री का नाम हरियल था.
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